Wednesday 10 July 2013

सुप्रीमकोर्ट को जनता की जरूरत :


सुप्रीम कोर्ट ने हिम्मत करके एक फैसला भी सुनाया तो हमारे देश के हरामी नेता लोग
लग गए है अब उसे रद्द करवाने में ..
तरह तरह के बयाँ बता कर कही संसद की गरिमा गिर रही है तो कही कुछ ...
जब ये हरामी लो संसद में पोर्न देखते है ,. कुर्सी तोड़ते है , हाथापाई करते है
तो संसद की गरिमा नही भंग होती ..|
अब तरह तरह से कोसिस कर रहे है क्योकि इसमें हर पार्टी के नेताओ को खतरा है
खिलाफत करने वालो में और दागी नेताओ में  ये लोग प्रमुख है -
पवन बंसल , कनिमोस्झी , अमित शाह , मुलायम , मायावती ,जय ललिता , राजा , लालू |
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झारखंड मुक्ति मोर्चा जिससे कांग्रेस ने झारखंड में सरकार बनाने के लिए समझौता किया है उसके कोटे से जीते हुए सांसदों व विधायकों में से 82 फीसदी का रिकार्ड दागी है। इनके खिलाफ अलग अलग मामले अदालतों में चल रहे हैं। राजद के आपराधिक रिकार्ड वाले निर्वाचित प्रतिनिधियों का आंकड़ा 64 फीसदी है। समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतने वाले सांसदों व विधायकों की तादाद 48 फीसदी है। भाजपा के टिकट पर करीब 31 फीसदी ऐसे लोग जीते हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं। जबकि कांग्रेस के टिकट पर 21 फीसदी आपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवार जीतकर संसद व विधानसभाओं में पहुंचे हैं। करीब 42 फीसदी निर्दलीयों का रिकार्ड भी साफ सुथरा नहीं है
-- अब इस मामले पर जब कोर्ट ने इतना बड़ा फैसला किया है तो जनता को भी इनके पक्ष में आना चाहिए औत इस बात को लागू ही करवाना चाहिए ,.."
"आप " पार्टी वाले भी चुप है इस फैसले पर क्यों सांप सूंघ रहा है ??
---14 फीसदी सांसदों-वि‍धायकों पर हैं गंभीर आरोप
देश में करीब 30 फीसदी सांसदों व विधायकों ने खुद अपने शपथ पत्र में खुद पर आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। इनमें 14 फीसदी सांसद व विधायकों पर बेहद गंभीर आरोप हैं। देश की संसद में बड़ी संख्या में बाहुबली मौजूद हैं। 543 लोकसभा सांसदों में 162 यानी 30 प्रतिशत के खिलाफ विभिन्न अदालतों में आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें से 14 फीसदी सांसदों के विरुद्ध गंभीर मामले हैं।

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