1. पुराने ज़माने में कुछ मतलबी लोगो ने
    " वर्नेति वरना को जन्मेती वरना "
    ( व्यवसाय के हिसाब से वर्ण (जाति) ,को जन्म के हिसाब से वर्ण (जाति )
    कर दिया |
    जिनके साथ ये अन्याय किया गया वो तो बेचारे पढ़े लिखे नही थे
    बल से कमजोर थे पर हम लोग आज पढ़े लिखे होकर भी , बलशाली होकर भी
    इस व्यवस्था को क्यों अपनाये हुए है ..|
    जरूरत है बदलने की जरूरत है इस बेकार की और बाटने वाली और समाज में उच्च नीच के भेदभाव को मिटाने की और स्वार्थी लोगो द्वारा बनाये हुए बन्धनों को तोड़ने की ..|
    हमें इस व्यस्था को बदलना होगा और एक सच्चे समाज की स्थापना करना होगा ..||
    उसी ऋग्वेद के विचार को लगाना होगा कुछ लालची और दुराचारी लोगो द्वारा लिखे गये ग्रंथो को भी अस्वीकार करना होगा ...|
    जो हमारे काम का नही या हमारे अधिकारों के विरुद्ध है उसका विरोध करना होगा ..||