1. हमारे देश में हिन्दू ही हिदुओ का विरोधी है ..
    पुरातन से, आजादी से लेकर अबतक क्या हुआ
    क्या हो गया बदलाव जैसा जनता चाहती थी ..
    क्या अंग्रेजो ने किसी जाति विशेष को गुलाम बनाया था ?
    क्या आज़ादी के लिए जाति विशेष ने लड़ाई लड़ी थी ???
    नही न |- तो फिर क्यों नेहरु जैसे लोगो ने हिदू एक्ट जैसे कानूनों को एक साथ लागू करने के कोसिस नही की ..|
    तो फिर क्यों आजतक - समान नागरिक सहिंता जैसे कानून भारत में नही लागू हो पाए ..
    भीमराव राव आंबेडकर ने जब कहा
    - " मै एक आदर्श समाज चाहता हू , जो स्वतंत्रता समता और बंधुता पर आधारित हो |"
    फिर क्यों उन जैसे लोगो का मजाक बनाया गया वो भी तो एक हिन्दू थे फिर इस तरह के लोगो को क्यों मजबूर किया जाता है जिससे लोग अपने धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म में शामिल होना ठीक समझते है ??
    हमारे देश में जोड़ने का काम कम और बाटने का काम ज्यादा पुराने समय से ही होता चला आ रहा है
    यह कोई एक आदमी नही बल्कि बड़े बड़े संगठन लगे हुए है इन कामो में जो हिन्दुओ को ही हिन्दुओ से बाटते है अपने मतलब के लिए अपने राजनीतिग स्वार्थ के लिए लोगो में मतभेद और जाति जैसे व्यवस्थ को उजागर करते है ...|
    इन लोगो को हमें सबक सिखाना चाहिए चाहे वो राजनीतिग हो या फिर कोई विशेष वर्ग या इंसान उसका खुलकर हमें विरोध करना होगा और समाज में एक समान व्यवस्था को लागू करना होगा ..||
    __________________________________________________: कृष्णा