Thursday 3 July 2014

शंकराचार्य से समाज को बचाए .( साजिस )


शंकराचार्य आरक्षण में आरक्षण का परिणाम ; कैसे ??
शायद आपको पता होगा की शंकराचार्य वही बनता है
जो केरल का नम्बोदरी ब्राह्मण हो .. ( आरक्षण में आरक्षण वो भी 100 %)
फिर आरक्षण का विरोध करने वाले क्यों कहे है झूठी पाखंडी के साथ ???
अगर हमारे में आप समान नागरिक सहिता की बात करते है तो फिर यहाँ पर आप क्यों चुप है ..
अगर आप भारतीय संबिधान को मानते है तो यहाँ आप कैसे पीछे हट रहे है ??
अगर आप पाखंड का विरोध करते है तो इस कुतर्क का कैसे सहयोग कर रहे है की साईं मांस खाते थे ??
साईं मांस खाते थे तो हमारे हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा के नौ रूपों को याद करो आपको समझ आएगा की कहाँ मांस वर्जित है और कहाँ नही ..
घर में रहकर बड़ी बड़ी बाते करते हो लेकिन मठ मंदिर की चौखट पर जाकर आज फिर वही भेदभाव क्यों ??
दलित क्यों कुर्सी नही ले सकता शंकराचार्य की क्यों ???
शंकराचार्य क्या किसी आसमान से टपके हुए तारे है और दलित वैश्य और अन्य कीचड़ में रहने वाले है ???
बहुत सी चीजे है जो आपको बाबाओ के बारे में अच्छी तरह से पता है बताने की जरूरत नही है ..
उदाहरण भी बहुत से बाबाओ का आपके सामने है ..
आज के बाबा तमाम अपहरण , हत्या , बलात्कार में फसे हुए है या संलिप्त है .
अभी 10 दिन भी नही हुआ अयोध्या के एक बाबा ने दुसरे बाबा को मार दिया क्यों ??
अगर वे बाबा है तो फिर धन और कुर्सी का क्यों लालच किये ??
अयोध्या से हनुमान गढ़ी पर दर्शन करने गई कर्नल की बेटी बीच लाइन से गायब हो जाती है और जांच होने पर छुपा हुआ दरवाजा मिलता है , लड़की मरी मिलती है अब आप बताओ की इसका कौन जिम्मेदार है ..
एक महिला अपने देवर या सरुर के साथ गाडी में बैठने में सरमाती है लेकिन इन बाबाओ की मालिश करती है क्यों ??? और बाबा फायदा उठाकर क्या करते है आपको नही पता की हमको नही पता ??
बात सिर्फ शंकराचार्य तक सीमित नही करना है आपको देश में एकता बंधुत्व और बढ़ रही कुप्रथा , पाखण्ड , अराजकता और कर्मकांड को भी जानना है |
इन्ही जैसे बाबाओ ने महिलाओ को दबा कर रखा , उनकी बेइज्जती के यही लोग जिम्मेदार है
जो कहते है की महिलाये चारो वेद पढ़ लेगी तो उनका गर्व गिर जाएगा ,.
तो आप बताओ हमारा धर्म गरंथ कुछ देने के लिए है की पाप करने के लिए है
तब तो समाज में दवा की जरूरत ही नही चारो वेद पढ़ा दिया जाए क्या ??
शुद्रो को कहा गया इन्हें वेद मत पढाओ अपवित्र हो जायेगा तो ये बताओ जो ग्रन्थ खुद आपवित्र हो जाए वो हमें पवित्र कैसे करेगा ???
सवाल हमारे गरंथ पर नही है सवाल है इन बाबाओ के पाखिंदियो के कुतर्क पर ...
वैदिक काल में शुद्र उनको कहा गया जो युद्ध में बंदी बना लिए गये थे उनके बच्चो को कहा गया ,
पर बाद में इन्ही पाखण्ड के पुजारी लोगो ने वर्णति वरना बदलकर जन्मेती वरना कर दिया ..
क्यों ??? सिर्फ इसलिए की हमारी सत्ता चलती रहे हम हराम का बैठ कर खाते रहे और ये हमारे गुलाम बने रहे ..
बहुत सालो के प्रयास के बाद तो आज हम कुछ रास्ते पर है कुछ सुधरे हुए है पर आज ये लोग हमे फिर उसी तरफ ले जाने का प्रयास क्र रहे है ..
जरूरत है हमें इनके खिलाफ आवाज उठाने की , एक हो जाने की ,,..
-- इन लोगो ने तो गौतम बौद्ध को विष्णु का अवतार बता दिया कभी सोचा है आपने क्यों ??
क्योकि जब बौद्ध धर्म आया तो इनकी आमदनी कम हो गई इनकी बनाई हुई योजना फेल होने लगी फिर इन्होने चालबाजी दिखाई और बौद्ध को विष्णु अवतार घोषित कर दिया . अब कोई इनसे पूछे की क्या गौतम बुद्ध मांस नही खाते थे ????
खाते थे फिर उनको विष्णु अवतार कैसे घोषित कर दिया आपने ??
जरूरत है हमें अपने आँखे खोलने की न की हम दुसरे की आँखों से देखे ..
दक्षिण भारत में फैलाई गयी कुप्रथा जिसे हम देवदासी के नाम से जानते है किसने फैलाई ,
इन्ही घर्म के पुरोहितो ने जाकर वहां देवदासी प्रथा फलाई सो समाज के लिए कलक बनी वेस्यवृत्ति को बढ़ावा मिला ,.. ( देवदासी उन्हें कहते है जो मंदिरों में रहकर पुजारियों की देखभाल करती है और उनका काम होता है पुजारी को खुस करना चाहे जैसे , अपना तन मन सब देकर . )
अब आप बताओ की इन बाबाओ की पोल कहा तक खोला जाए वक्त कम पड़ जाएगा अगर इनकी कहानी बताई जाने लगे तो और ये समाज सुधारने की बात करते है तो समझदार को तो हसी ही आएगी ..|
कोई बाबा आजकल में आपको एसे दिख रहे है जो अपना सब कुछ त्याग कर समाजसेवा कर रहे हो ??
ये क्या सेवा करेगे जो खुद अपना पैर जवान लडकियों से दबवाते है और और सोने के सिघासन पर बैठकर बुरी नजर से उनकी तरफ देखते है ...
मै हिन्दू धर्म का विरोधी नही हू , मै आज तक साईं की पूजा नही किया हू पर मै पाखण्ड का विरोधी हू इन कर्मकांडी लोगो का विरोधी हू जो आज भी समाज को बाटना चाहते है ....
_____________________ कृष्णा यादव _____________
( आप अगर सहमत है तो शेयर करे और साजिस से समाज को बचाए )
 

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